July 20, 2022

कॉलेज के वो मस्ती भरे प्यारे दिन Part-II

इससे आगे :- अब बच्चू देखते है सौ दिन सुनार के एक दिन लुहार का तुम लौगो ने न जिंदगी भर याद रखा तो कहना | बस अब उस वक्त का इंतजार था | और वो वह मौका एक दिन मिल ही गया | collage के annual function थे | एक दिन debate competition हो रहे थे | सभी hall में थे | हम लड़कियों ने आपस में इशारा किया कि एक -एक करके बाहर निकलो सभी बाहर आकर साईकिल स्टेंड पर पहुँच गये | स्टेंड बिल्क़ुल सुना पड़ा था | चपरासी वगैरह भी शायद चाय – पानी पीने कैंटीन गये थे ।क्योंकि कैंटीन college campus के बिल्क़ुल बाहर थी | ये तो हमें पता ही था की mathes student और दूसरे जो इनके साथ शामिल थे कहाँ cycle खड़ी करते है | मै और मेरी सहेली छाया दो लोग निगरानी कर रहे थे कि कोई आ ना जाये | सभी ने आपने (अस्त्र शस्त्र) ब्लेड, बड़े -बड़े सूजे निकाल लिए और ताबड़ – तोड़ सीटे काट डाली और बुरी तारीके से टायर में कई पंचर करके फाड़ डालें | आपना सारा गुस्सा साईकिलों पर उतार कर हम मेरी सहेली रंजना के बगलें पर पहुंच गये जो college के पास ही था | वहाँ हमने बहुत हँसी उड़ाई और हँस – हँस कर लोट – पोट होकर बड़े मजे किये | फिर जब देखा कॉलेज से लोग निकलने लगे हैं | तो हम सभी उनके साथ हो लिए | इससे किसी को हम पर शक हो ही नहीं सकता था ।पर डर भी लग रहा था | इसीलिए सभी ने मिलकर यह कसम खाई चाहे जो भी हो जाए | किसी से भी भूल कर ये बात खुल न जाये | सभी खुश होते हुए घर पहुंचे | अब दूसरे दिन का इंतजार था | अगले दिन कॉलेज पहुँचकर हम माहौल का जायजा लेने लगे कि क्या चल रहा है ।माहौल बड़ा शांत था class में अभी सभी student नहीं आये थे |


थोड़ा मन शांत हुआ | पर जल्दी ही तूफान आ गया ‘ लड़के गाली देते धमकाते हुए आ धमके कि पता चलने दो एक -एक के हाथ – पैर न तोड़े तो कहना | पर हम शांत और डरे हुए तो थे ही पर अपने डर को चेहरे पर नहीं आने दिया | और एक -दूसरे से ही पूछने लगे की क्या हुआ | और मन ही मन बेहद खुश थे कि “बच्चू अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे ” किसी तरह दिन तो निकल गया ” पर ये डर लगा रहता की किसी भी तरह इन्हे पता न चल जाये नहीं तो खैर नहीं पढ़ाई तो पढ़ाई कॉलेज भी आना भी बंद हो जाएगा | और ऐसे ही दिन निकलते गये और annual exam आ गये मे इसके बाद 1 year -2nd year धार मे ही किया इसके बाद मेरे पापा जी का ट्रांसफर टीकमगढ़ हो गया | हम टीकमगढ़ आ गये आगे क्या हुआ होगा आगे की साल मे पता ही नहीं चल पाया | ऐसे हुईं थी college की शुरुआत | अब टीकमगढ़ में देखते की क्या-2 होता हैं | थोड़े से तो तेज हो ही गये थें | की दिमाग कैसे लगाना हैं | और कैसे निपटना हैं | मजा आयेगा |

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