चन्द्रा ! आओ हम तुम कुछ …
मेरी
चन्द्रा ! आओ हम तुम कुछ …
फूल भी चमन में मुस्करा कर कह रहा हैं
दुख भरे जीवन में हम प्यार की बात करें
भूलकर हम गिले – शिकवे वादों और तन्हाईयो के आओ मिटायें दूरिया,
और प्यार की बाते करें , कौन जाने कब तलक है श्वास बाक़ी जिस्म में क्यों भला हर बात पर हम तकरार की बाते करें
अपना तन मन हैं दिल से निछावर जिस यार को उस प्यारे यार के घर वार की बाते करें
जिंदगी में हर ख़ुशी चंद्रा, मिलेगी प्यार से प्यार सीखे, प्यार करलें ,प्यार की बातें करें
तुम्हारा प्रिय
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😥❤