देवउठनी एकादशी
4 नवम्बर शुक्रवार आज देवउठनी एकादशी है, जिसे तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। आज का दिन बड़ा ही उत्साह भरा है, घर में सभी उपवास है। शाम को तुलसी विवाह मनाया जायेगा, जिसकी तैयारियाँ करनी है। शाम को रंगोली बनाई, तुलसी के गमले के चारो तरफ गन्ने का मंडप बनाया, फिर तुलसी के पौधे पर जल, कंकू (रोली), चावल, फूल चढ़ाकर गहन पहनाये, ऊपर चुनरी चढ़ाई, भोग लगाया जिसमे सभी फल – मिठाई है। फिर पूजा के अंत में आरती – हवन किया गया, इस प्रकार पूजा सम्पन्न हुई।



आज मै अपनी सोसाइटी के मंदिर भी गई शाम 5 बजे वहाँ बहुत सुंदर ढंग से तुलसी – शालिग्राम का विवाह संपन्न किया गया।
देवउठनी एकादशी के बाद विवाह संस्कार शुरू हो जाते है। हमारे घर तो इसी वर्ष मेरी बेटी की शादी हुई है इसलिए यह साल हमारे लिए बहुत ही शुभ है।
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