October 28, 2023

सपनों में आ

सपनों में आ मुस्कराहट बिखैर
तड़पाने से तुम्हे क्या मिलेगा ? जब
तुम आकर मेरे मानस पट पर रंगीन तूलिका
से सुनहरे क्षणों को सजीव करती हो तो मुरझाया
मन खिल जाता हैं, किन्तु जब लहरियों की तरह
पुलक और आनंद के बुलबुले को मिटाकर
चली जाती हो तो मानस सूख जाता हैं |
सपनों में आ………..क्या ?

तुम्हारा परशुराम

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