हरतालिका तीज
आज हरतालिका तीज हैं | इस दिन का इंतजार बहुत दिन पहले से होता हैं | चारो तरफ मेंहदी, सुहाग का सामान :-अलता , बिंदी ,चूड़ियों की जैसे बहार आ जाती है | लड़कियों को पूरी तरह तैयार देखना , सुन्दर – सुन्दर साड़ियां , बिंदी , पायल , गहने , बालों में सजा फूलों का गजरा दुल्हन की तरह तैयार होना |

बड़ा मन खुश हो जाता हैं | मैने यह उपवास 8th class से रखना शुरु किया था | मम्मी जी उपवास रहती थी | कॉलोनी में सभी आंटी जी रहती थी | दिन भर पूजा कि तैयारी करना हमारे यहां फ़ुलेरा बंधता हैं |और रात भर जागरण , भजन होते है | 4 पहर पूजा हवन होते हैं |अतः हम सभी बच्चो को तो जैसी मस्ती आ जाती है |

मम्मी अपनी पूजा में , हम बच्चे अपनी धमा – चौकड़ी में, जब मैं 10th – 11th class में थी | तब हम बच्चे सुबह 4-5 बजे अपने आस – पास के घरो के दरवाजो की कुंडी लगा दिया करते बाहर से | और सवेरा होने पर मजा लिया करतें | नहा – धोकर सुबह 5 बजे गर्म – गर्म हलुआ बनता भगवान के भोग के लिए फिर सभी मिलकर पूजा, हवन करते प्रसाद बंटता |

फिर सब मिलकर पास की नदि या तालाब में जाकर पूरी पूजा की सामग्री जल में प्रवाहित करते |इसी तरह यह तीज का त्यौहार मनाया जाता | समय गुजरता गया और फिर मेरी शादी हो गई पहली तीज पर मैं ससुराल में थी | उस दिन बहुत बरसात हो रही थी | राम छतरपुर गये हुए थे | बाढ़ की वजह से घर आ नहीं पाये थें | पहली बार मैंने निर्जला व्रत रहना शुरू किया था | फिर हर साल में अपने बंगले में पूजा रखती, खूब सुन्दर फूलों से सजावट करती |

शाम को पंडित जी कथा सुनाने आते थें | जब कभी राम घर पर होते तो पूजा में साथ बैठते | ऐसे ही बड़ी श्रद्धा भाव और प्यार से पूजा होती फिर एक समय ऐसा आया की जब – जब तीज आती |

मेरा मन बहुत उदास हो जाता इनके जाने के बाद जब पहली तीज जब मम्मी के यहाँ आई उस दिन मैं बहुत रोई |
तब भी मैंने उपवास रखा था | मेरी मम्मी मेरे दुःख को समझती थी | वो ऐसी कोई बात नहीं कहती थी कि मुझे दुःख हों |

वो पूजा हमेशा मुझसे शुरु करवाती सबसे पहला टीका वो ही मुझे लगाती ,फिर दूसरों को |मम्मी के घर पर ही पूजा होती थी आस पास की 20-25 Ladies आती थी | सभी प्यारी सजी – संवरी उन सबका मेरी तरफ देखना बड़ी दया से मुझे अंदर तक घायल कर जाता था |

समय गुजरा मैं Fast आज भी रहती हूँ | फलाहार करके मुझे कई बार लोगो ने कहा की आप रहते हों क्यों ?
अरे भाई उस परमपिता ने इतना अच्छा पति जो मुझे दिया था | उनका धन्यवाद करने के लिए तीज रहती हूँ |

अब तो मेरे घर मेरी बहु आ गयी हैं उसके आने से तीज पर अच्छा लगने लगा वो भी Fast रहती हैं | शाम को तैयार होकर उसके साथ मंदिर जाना मन खुशी से भर जाता हैं |
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