मेरी प्यारी बेटी का जन्मदिन
आज मेरी प्यारी बेटी का जन्मदिन है, मुझे याद नहीं है की कभी वो जन्मदिन के दिन मुझसे दूर रही है, पर इस बार तो वो बहुत दूर हो गई, आँखों से बिल्कुल ओझल उसका हमेशा खिलखिलाता, मस्ती भरा चेहरा सामने आ जाता है, घर हमेशा कह कह से भरा होता था | पर मैं बहुत खुश हूँ की डोना अपने साथी के साथ खुश और मस्त है| वे लोग 10 दिन के Holidays पर Aran Islands, Galway, Cliffs of mother घूमने गए थे, डोना बचपन से ही घूमने की शौकीन है, जब 1 साल की थी तो रोज अपने मन पसंद की फ्रॉक पहनकर Servant के साथ मंदिर जाती थी, 2-साल में तो भैया के Shoe पहनकर बाहर घूमने निकल जाती


हाथ में कापी-पेंसिल लिए मना करने पर गेट के नीचे से सरक कर निकल जाती थी, इसलिए डैडी ने नीचे से जाली लगवा दिया था, ना जाने देने पर मचलकर नीचे लोट लगाती थी, ऐसी बहुत सारी यादे है, उसके नटखट पन की यादें मेरे चेहरे पर हँसी ले आती है, बहुत ही गोल-मटोल गोरी, घुंघराले बालों वाली गुड़िया थी

जो देखता वो देखता ही रह जाता, कॉलेज के student banglow के सामने से निकलते तो रुक कर पूछते की aunty हम एक बार baby खिला लें सबके पास हँसते हुए चली जाती, डोना बचपन से ही नटखट थी, भैया जब पढ़ने जाने लगा तब पता नहीं कब bag खोल कर book निकाल कर बड़े ध्यान से पन्ने पलट-पलट कर देखती जब पूरी हो जाती तब फाड़ कर कहती मम्मी हमने पूरी पढ़ ली और पूरी pencil खा जाती बहुत school जाने की जिद करती|

3 years में हमने इसका Admission Nav Jagriti School में कर दिया तब डैडी की posting Damoh M.P में ये पढ़ने में तेज थी, हमेशा क्लास में topper रही, कोई भी काम कहने पर बड़े ध्यान से करती थी पूरे garden में अकेली हाथ में छड़ी लिए तितलियों के पीछे घुमते रहती, सुबह school जाने के समय पर उठना नहीं आप का स्कूल है तो तैयार करो सोते से उठा कर मैं और एक servent तैयार कर रहे है रिक्शे वाला bell बजा कर जाता था, पापा की प्यारी बेटी जो थी,पापा कहते की बिटिया को परेशान मत करो मैं गाड़ी से छोड़ आऊँगा, इस बात से बड़ी खुश हो जाती , पहले दौड़कर गाड़ी मैं बैठकर टाटा करती, उस समय उसका चेहरा देखने लायक होता, पापा के साथ तो उसे बहुत मज़ा आता, घूमने में

इन्ही सब ढेर सारी यादों के साथ, आज को नन्ही सी गुड़िया दुल्हन बनकर विदेश चली गई साथ में मेरे दिल का एक टुकड़ा भी ले गई, उसकी यादों को एक बार फिर मैं दिगंतरा बिटिया के साथ जीऊँगी दिगंतरा में अपने बच्चो का अक्ष देखती हु, और हर वक्त याद करके कहती हु ये डोना जैसी है, तो कुछ मोहनीश जैसी, ये भी गोल-मटोल होती जा रही है, और आज ही दिगंतरा को वैक्सीन लगा है, वह बड़ी तकलीफ में है, फीवर भी आ गया है, 2 दिन में ठीक हो जाएगी |

- Categories:
- मेरा सुखमय संसार
- स्मृतियाँ
Thank you, Mom. I am truly blessed to be a part of yours. Though I am far but still, I am much closer to you. You are the ribbon of love that is woven around me. I love You!
Sab kuch pics ke rup me aa gya
School se Lotte same papa ke Ghar ruk Jana
Or phir Ghar na Jana sab kuch yaade hi Raj gai hai