भाई – दूज
“ चन्दन का टिका और ममता की बौछार ,
प्यार के रंग में झूम रहा संसार ,
भाई के सर पर रहे सदा ईश्वर का हाथ
इसी शुभकामना के साथ मनाये ये त्यौहार। “


हम सभी को भाई दूज की बधाई हो |’भैया दूज का त्यौहार भाई – बहन के परस्पर प्रेम का त्यौहार है। आज के दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका करती है | और उसे अपने घर बुलाकर प्रेम से भोजन कराती है। और व्यवहारिक रूप से देखें तो , भाई -दूज भाइयों से लेने का नहीं उन्हें देने का त्यौहार है। भाई – भाभी और उनके परिवार को प्रेम देने का, आर्शीवाद देने का, दुआएँ देने का त्यौहार है।


हमारे घर पर इस दिन बाहर आंगन में गोबर की दोज बनाई जाती है। दो ग्वालिन बनाई जाती है | एक रोटी बनती हुई , दूसरी अनाज कूटते हुए | सामने छोटी -छोटी कटोरियाँ गोबर से बनाई जाती है | जिसमे दूध भरा जाता है। साथ ही एक नगर कोतवाल तथा एक ग्वाला बनाया जाता है | जिनके हाँथ में लकड़ी लगी होती है।
इन सभी की पूजा होती है, अछत- फूल – रोली आदि से | फिर हवन होता है , उसके बाद ही बहन – भाई को टिका लगाती है। और इस प्रकार इस त्यौहार का समापन होता है।
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