रक्षाबंधन
आया राखी का त्यौहार
छाई ख़ुशियों की बहार
एक रेशम की डोरी से
बाँधा एक बहन ने अपने भाई की
कलाई पर प्यार ।

इस राखी पर हमे बड़ा अफसोस था की डोना बिटिया इस बार हमारे पास नहीं होगी, उसकी पढ़ाई खत्म होने के बाद कभी भी राखी छूटी नहीं । पर 7 दिन पहले उसने कहा की मम्मी में आ रही हूँ एक बार खुशी हुई पर हम उसे मना करने लगे की बेटा यहा बहुत humid weather है।

तुम्हें बहुत ही गर्मी लगने वाली है । पर कहने लगी की हमने बहुत दिन से गर्मी नहीं देखी उसकी इस बात पर हम सब हँसे बिना नहीं रह पाए उसे बहुत समझाया पर नहीं मानी ।उसकी आखों में घर आ जाने की चमक दिख रही थी। Vidhya ने तुरंत ही Ticket book कर दी। हम सभी बहुत खुश हो गए की चलो इस बार भी डोना हमारे साथ होंगी ।बस अब उसके आने का इंतज़ार है ।और लो उसके आने का दिन भी आ गया ।

आज 28 तारीख को दोनों सुबह 7:30 पर घर आ गए ।घर में जैसे फिर से बहार आ गई उसकी हँसी की चहचाहट से सारा घर भर गया । डोना बहुत सारा सामान लाई है| विशेष कर दिगन्तरा के लिए Pushchair (Stroller), दूसरे दिन Vidhya अपने घर चला गया ।

आज रक्षाबंधन का मुहूर्त रात 9 बजे के बाद का है, अतः डोना ने 9:15 पर राखी बांधी ये समय बड़ी यादों से भर जाता है। बस आँखे खुशी से डबडबा जाती है | सब को साथ देखकर सभी ने एक दूसरे को राखी बाँधी | में हमेशा से ही रक्षाबंधन पर घर से दूर रही हूँ अतः मैंने सबसे पहले राखी मेरे राम को ही बाँधी है ।


आज का दिन बहुत ही सुंदर ढंग से बीता ।और इस बार तो ईश्वर का आशीर्वाद स्वरूप तोहफा हमारे साथ जुड़ा वो है प्यारी सी गुड़िया दिगन्तरा इसीलिए इस बार का रक्षाबंधन खास है हम सबके लिए । उसकी मौसी भी राखियाँ लाई है । दिगन्तरा को प्यारी सी राखी रूई की हाथ से बनाकर
लायी थी


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