आज मैं मम्मी के साथ घर जा रही हूँ |
आज 1 May को मैं मम्मी के साथ घर जा रही हूँ | मम्मी भाई अपनी गाड़ी से आये थें। साथ में छोटी बहन भी थी, अतः रास्ते भर बड़े मजे करते रहें | बीच में हमने ग्वालियर fort घूमने का program बना लिया, 11 बजे हम ग्वालियर पहुँच गये थें | मौसम भी अच्छा था |

हमने बहुत से किले देखे 3 बजे तक घूम कर हम डबरा के लिए रवाना हुए | डबरा में इंद्रा की ननद रहती है | अतः हम उनके घर 5 बजे पहुँच गये | हम सबने मिलकर खाना बनाया | खा-पीकर हम 7 बजे सागर के लिए निकल पड़े | और रात 11 बजे घर पहुँच गये ।

3 मई से बड़े पिताजी के यहाँ शादी के कार्यक्रम शुरू थें | भाई की बेटी की शादी थी | आज हल्दी थी, शाम को जब शादी के घर पहुंचे तो फिर अपने बचपन के दिन याद आ गये | कई सालों बाद अपनी बड़ी दीदियों-भाइयों से मिल रही थी | सभी दादा-दादी,नाना-नानी बन गयें थे |

बहुत मुश्किल हो रहा था किसी को भी पहचानना | मैं किसी की बुआ, तो किसी की मौसी, इन रिश्तों का अपनापन बहुत सुकून पहुँचा रहा था | हमारे घराने में सिर्फ अब बड़ी मम्मी और मम्मी ही हैं |

हल्दी के दिन हमारे घर में मेहर की पूजा होती हैं | उसमे शामिल होना भी बड़े भाग्य की बात हैं | हमारे घर में 130 साल पुराना मंदिर हैं | घर की प्रत्येक शादी की पूजा इसी मंदिर में होती है। शाम को पूजा होती हैं | घर के बड़े ही पूजा करते हैं | घर के प्रत्येक सदस्य का प्रसाद लेना अनिवार्य है | जब तक सभी प्रसाद नहीं ले लेते, उस स्थान से वे उठ नहीं सकते |

उन्हें दिन भर उपवास रखना होता हैं | भाई-भाभी सभी जोड़े से आते है सिर रखकर प्रणाम करते हैं, और प्रसाद लेते है | Married लड़कियों को प्रसाद मिलता है पर वे सिर रख कर प्रणाम नहीं कर सकती । पूजा के बाद सभी के भोजन होते हैं |

4 मई को संगीत- डांस का प्रोग्राम था । रात 8 बजे से प्रोग्राम शुरू हो गया था | घर के सभी लोगों ने एक से बढ़कर एक प्रोग्राम दिए | लड़कियों के तो क्या ही कहने | बहुत ही सुंदर डांस प्रोग्राम था | रात को 12 बजे गये | फिर सभी ने भोजन किया ।

5 मई को बारात आनी थी | सुबह 12 बजे लगुन, टीका होना था | दिन में संगाई होनी थी | अतः हम सब 11 बजे विहल भाई पटेल के farm house पहुँच गये थें | वही पर Breakfast, Lunch होना था । अतः सभी वही आ गए थें अरे बड़े मजे किए| हमारे बचपन की बातें | जो हमे कभी याद भी नहीं थी । और यादों का जैसे पिटारा खुल गया था | बाते तो जैसे खत्म ही नहीं हो रही थी ।बहुत लोगों से पहली बार मिल रही थी |

सभी बच्चों की शादी हो गई थी नई नई बहुएँ, दामाद सभी से परिचय हुआ | रात बारात आनी तो 9 बजे के लगभग थी पर रात के 12 बज गयें थें | बहुत Dance वगैरह हुआ | वरमाला होते होते एक बज गये ।

वर-वधू की जोड़ी बहुत प्यारी थी | शादी भी अच्छी हो गई | हम सभी दिनभर व्यस्त होने की वजह से बेहद थक गए थे | अतः 2 बजे के लगभग सोने चले गए थें | क्योंकि दूसरे दिन मामा के यहाँ जाना था | उनकी छोटी बेटी की शादी थी, जिनके कार्यक्रम 6 तारीख से start होने थें |

और हाँ 4 मई को ही मेरी छोटी बहिन के यहाँ पोता हुआ हैं | बड़ी खुशी की बात हैं | सभी को बहुत इंतजार था, इसी वजह से मेरी बहन शादी में नहीं आ पा रही थी । चलो घर में दूसरा मेहमान भी आ गया ।

To be continued -
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