November 3, 2023

आज 6 मई

आज 6 मई से छोटे मामा के यहाँ बेटी की शादी के कार्यक्रम शुरु हैं | शादी “होटल दीपाली पैलेस” से हैं | आज हम 12 बजे होटल पहुँच गये | दिन में मेहंदी और रात में हल्दी हैं | यहाँ भी सभी मामा की लड़कियाँ आई हुई हैं| और मेहमान भी धीरे -2 आने लगे हैं | दिन में सभी ने मेहंदी लगवाई, रात में हल्दी का कार्यक्रम दूसरे garden में हैं |

हल्दी कार्यक्रम के समय लड़के वाले भी आये हुए हैं | बहुत अच्छे से हल्दी की रस्म हो रही हैं | रात के 8 बज रहे हैं | अब तो पेट में चूहे कूदने लगे हैं | चारो तरफ नजर दौड़ाकर देखा खाने पीने का कुछ नजर नहीं आ रहा था | सभी हल्दी में वयस्त हैं | डिनर में अभी बहुत टाइम हैं | और हम होटल से दूर हैं |


तभी मेरी नजर बगल वाले garden पर गई वहाँ भी शादी हैं | शायद बारात आने की तैयारी हैं | मैंने अपनी छोटी बहन और मामा की बेटी को इशारा किया की चलो वहाँ चलकर कुछ खा कर आते हैं | और हम तीनो ने वहाँ जाने का प्लान बनाया | और मैंने कहाँ की देखो ज्यादा अंदर मत जाना जो स्टार्टर वाले काउंटर हैं वही पर खाना हैं बस |

अब जैसे ही हम बीच के रास्ते से पहुँचे बेहद हँसी आ रही थी | पर अपनी भूख के आगे सब बेकार | और खाने की खुशबू ने हमे और दीवाना कर दिया था | हमने फटाफट कबाब, कटलेट, डोसा, ड्रिंक वगैरह खाया | और हाँ खाते समय हम कही भी नहीं देख रहे थें की पता नहीं हमें कोई पहचान न लें .की अरे हमने अभी बगल वाले garden में इनको देखा था |


हमने सभी चीजो का बड़े मजे से लुफ्त लिया और बड़े जल्दी -जल्दी कदम रखते हुए दूसरी तरफ से बाहर निकलकर बहुत मस्ती की और life के इस दौर की घटना का बड़ा ही एन्जॉय किया | लगा इसका भी अलग मजा हैं | मेरी ये चोरी वाली दूसरी घटना हैं |

पहली घटना जब मै कॉलेज में थी classs के सभी 12 student घूमने गये थे | कॉलेज से 20 किलोमीटर दूर एक कुंडेश्वर मंदिर था | वहाँ नदी भी हैं | बहुर सुंदर घूमने की जगह हैं | जब हम मंदिर और सभी जगह घूम कर निकले देखा सड़क के दूसरी तरफ अमरुद का एक बगीचा है शाम के 4 बज रहे थें |


लड़के तो गेट पर से कूद गये और हम लड़कियाँ गेट के बाजू से धीरे – 2 अंदर पहुँच गये उस समय दुबले पतले तो थे ही | अत: कोई परेशानी नहीं हुई | बगीचा बहुत बड़ा था | दूर दूर तक अमरुद से भरे पेड़ झूम रहें थें | देख -देखकर मन बेहद ललचा गया | मेरा तो वैसे ही अमरुद पसंदीदा फल हैं | अब तो लगा कौन सा तोड़े और कौन से छोड़े |

पहले हमने दूर तक नजर डाली शायद कोई माली या चौकीदार नहीं था | कुछ लड़के तो पेड़ो पर अमरुद तोड़ने चढ़ गये | हम लोग नीचे से ही इकठ्ठा कर रहे थें | आधा घंटा ही हुआ होगा की लगा कोई आ रहा हैं और बगीचे का मालिक वहाँ आ पहुँचा | उसने लडको को पेड़ पर तो देख ही लिया था | अब तो काटो तो खून नहीं | हमने जितने अमरुद इकट्ठे किये थें |

सब नीचे रख दिए | डांट तो खानी ही थी | पर उन्होंने हम सभी को अमरुद दिये | हमने कुछ खाये कुछ बैग में रख लिए थें | जब गेट से बाहर निकलकर दूर चले गये तो हँसी के मारे लोट पोट हुए जा रहे थें | एक दूसरे की नकल उतारकर की जब पकड़े गये थे तो चेहरे पर 12 बज गये थें | पर इस बार कोई गलती नहीं हुई |


7 तारीख को सुबह मैं और इंद्रा 2 – 3 किलोमीटर दूर एक बहुत ही सुंदर बाँके बिहारी जी का मंदिर है वहाँ घूमने गये | रास्ते में बहुत ही सुंदर खेत बगीचे थें | क्योंकि होटल सिटी से एकदम बाहर हैं ।और दिनभर सभी से गप्पे, मिलने – जुलने में चला गया | रात को Ring – Ceremony और डांस प्रोग्राम था | अत: उसकी तैयारी में लग गये | शाम 6 बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था |


सगाई के बाद डांस का जो दौर शुरू हुआ | बहुत लाजवाब भाई एक से बढ़कर एक प्रस्तुति लड़के वालों की joint family हैं अत: उनकी चाची चाचा, भाई – भाभी, मम्मी ताई से ऐसा शमा बंधा की लगा इतना अच्छा प्रोग्राम बहुत सालो बाद देखा हों | रात 2 बज गये थें |

रात को सोने में 3 बज गये थें | और आज 8 तारीख को बारात आनी हैं | दिनभर घूमने में निकल गया और शाम को तैयार होकर मैरिज garden पहुँच गये | वहाँ सभी बहुत ही शानदार था | यहाँ भी बहुत से लोगो से कई साल बाद मिलने का मौका आया | 9 बजे लगभग बारात आ गई | बारात तो जैसे कोई राजा – महाराजा की हों | बहुत ही आकर्षित करने वाली बारात थी |

वरमाला होने के बाद सभी ने खाना खाया | फिर फेरों की तैयारी होने लगी | रात 3 बजे से फेरे थें | सभी कार्यक्रम अच्छे से हुए | इस समय भी हमने बहुत मस्ती की कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला | रात भर का जागरण था | 9 तारीख को विदाई थी|

Breakfast करने के बाद विदाई की तैयारी होने लगी | मामा जी ने “डोली” बुलाई थी ,जिसे भाई लोग उठाकर गाड़ी तक ले गये | बड़ा ही आज यादगार और रुलाने वाला क्षण था | शायद 30 – 35 साल बाद डोली में विदाई देखी थी | इन सब में 3 बज गये | 4 बजे के करीब हम घर आ गये | घर पर भाभी के भाई – भाभी आये हुए हैं |

आज राजेश भाई की Marriage Anniversary हैं | शाम को केक वगैरह काटा | आज अपने बेटे को भी बहुत याद कर रही हूँ | मुझे याद नहीं की मैं कभी उसके जन्मदिन पर उसके कॉलेज के टाइम को छोड़कर रही हूँ | मेरा वो छोटा प्यारा सा बेटा आज इतना बड़ा हो गया की खुद एक छोटी सी गुड़िया का पापा हैं | सभी माँ – बाप को अपने बच्चे प्यारे होते हैं | पर मेरे बेटे की जितनी प्रशंसा की जाए कम हैं | बेहद caring, loving हैं |


मुझे उसका साथ सबसे अच्छा लगता हैं | वो मेरी सभी feeling बहुत अच्छे से समझता हैं | बात सुनता हैं, कहना मानता हैं , ऐसी कोई बात नहीं जो मुझसे शेयर ना करता हों | आज रात को मोहनीश ने भी केक काटा हैं, डोना ने भिजवाया हैं | आज दिगंतरा हैं उनके साथ | आज दिनभर बहुत वयस्तता वाला दिन रहा कल से फिर बहुत जगह जाने का प्रोग्राम हैं |

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