College Time (Funny Days)
1 st & 2nd year B.Sc धार मध्य प्रदेश में किया। फिर मेरे पापा का Transfer टीकमगढ़ हो गया। मेरा Admission science college में 2 month late हुआ क्योंकि हम जब तक shift हुए देर हो गई थी। मेरा पहला दिन college का बड़ा सहमा, डरा सा गुजरा क्योंकि पिछली कॉलेज की यादें बड़ी ही परेशान करने वाली थी। खैर यहाँ हम Senior थे। अतः जल्दी ही सभी में Mixup हो गये और शायद निडर भी हो गये थे। यहाँ हमारा college टीकमगढ़ के राजमहल में था जो पानी में बना हुआ हैं। बहुत ही चारो तरफ सुंदर तालाब जिसमे बहुत सारे कमल के फूल खिला करते थे। Free Time में तालाब की सीढ़ियों पर पानी में पैर डालकर बैठा करते थे। और दूर तक सुंदरता को निहारा करते थे।

College के gate पर सड़क के दूसरेी तरफ एक Canteen हुआ करती थी। जिसमे चाय बगैरह मिला करती थी। और आम का एक बहुत बड़ा पेड़ था। जिस पर 12 महीने आम लगा करते थे। उसके दूसरी तरफ एक महेंद्र गार्डन था। जहाँ कभी – कभी हम घूमने जाया करते। वहाँ बैलगाड़ी पर बैठा करते Photo भी लेते थे ।और हा Boating भी हुआ करती थी 2 – 3 छोटी नावें तालाब में पड़ी होती थी। शायद मछली पकड़ने के लिए बच्चे उपयोग में लाते थे।

B.Sc Final में तो हम नाव में नहीं बैठे। पर final करने के बाद MS.c Previous में आने के बाद subject wise जब 10 – 15 student एक class में हो गये थे। तब हमारी class के लड़के Boat खींच कर ले आते थे ।तब हम कभी कभी बहुत मजे किया करते थे। गाने गाया करते चुटकले सुनाया करते ।एक बार की बात है हमारा शायद पहला Period नहीं था। अतः अरविंद boat ले आया हम 6-7 दोस्त निकल पड़े boating करने तालाब के बीचो – बीच पहुंचे ही थे तो देखा हमारी class में Professor आ चुके है और क्लास ले रहें है M.Sc में मेरी Class में सिर्फ 13 Student थे 9 – Boys, 4 Girls थे। हमारी Class सबसे Top वाले Room में लगा करती थी, जो Glass से बना हुआ था |

एक तरीके से महल के ऊपर वाला गुंबद था। अतः हम दूर से Class – Room को देख पा रहे थे।अब तो हमारी डर के मारे हालत खराब ‘ गाना वगैरह सब भूल गये अब तो लगा जल्दी वापिस चलो, डाँट तो पड़नी ही थी ।कमछात्र होने की वजह से Professor By Name and Face से पहचानते थे , की कौन – कौन Class से ग़ायब है। और हाँ एक बात Miss कर रहीं हूँ ‘ B.Sc Final में जब Chemistry Practical होते थे ‘ तो जुगाड़ लगाने वाले लड़के Laboratory में जाकर Lab assistant से मिलकर Test में क्या Element देने वाले है ‘ पहले ही पता कर लेते थे और बड़े ही जल्दी Test देकर बाहर निकल आते थे ‘ ये हमें बहुत बाद में पता चला था। फिर तो हम भी पता कर लेते थे।
अब M.Sc Previous में मेरा Zoology Subject था।

Fish से Specialization था ‘ पसंद तो मुझे Botany था पर Class में कोई भी लड़की ना होने की वजह से मैंने यह Subject नहीं लिया बाद में मुझे बहुत दुःख हुआ था, क्योंकि मेरी पसंद पेड़ – पौधे – फूल थे जो आज भी मेरे प्रिय है। उस Subject का कोई भी अर्थ नहीं था ‘ जितना Botany का है , जो आज भी रोज की जिंदगी में काम आता है। हमारे चारो तरफ प्रकृति के हरी -भरी छटा बिखरी पड़ी है , खैर Zoology में जब हम Practical करते तो Animals का भी संसार देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे। एक Dissection (Mytilus) का करते समय हमे बहुत मज़ा आया था। बहतु ही नाजुक Mollusca Family का Animal था सीप में बंद उसे बड़े सावधानी से खोलना फिर उसकी एक Nerve को निकालना उसे Flag करना जो बहुत ही Typical काम था ।हम 2 – 3 लोग ही अच्छे से कर पाते थे ‘ बाकि सभी को Help करते थे।
Class में सभी बहुत अच्छे थे। हम लोग College पहुँचते ही क्लास में सबसे पहले Jokes सुनाया करते थे। और हम सभी लोग जब भी Time मिलता कोई छुट्टी हो गई हो या Teacher ना आया हो तो हमारी बल्ले – बल्ले हो जाया करती थी हम किसी न किसी के घर जाया करते Class के सभी लोग होते ‘ बहुत मजे करते ‘ घर के सभी लोग क्लास के सभी बच्चो से परिचित होते थे। कभी – कभी पिकनिक जाया करते। सभी सामान खाना बनाने का साइकिल पर ले जाया करते , वहीं पर खाना बनाया करते। Games -अंताक्षरी खेलते और शाम को वापिस घर।
इसी प्रकार बड़े अच्छे से हमारा College Time निकला ।और हाँ एक घटना और याद आ रही है , हम लोगो की Group Photo निकला करती थी ‘ एक बार एक Photo में मेरी एक आँख बंद आयी। जब हम फोटो देख रहे थे तो Jain ने Comment किया जो जैसा है वो वैसा ही आया है ‘ इतना सुनने पर सभी को गुस्सा आया की कुछ भी तुम बोल रहे हो।
मुझे भी गुस्सा तो आ ही गया था परन्तु मै कुछ बोली नहीं ‘ पर मन में तो बात घर कर गई थी। और सोचा देखते है बच्चू हमारा भी समय आ गया।

7 – 8 Month के बाद हमारा फिर Group Photo निकला जिसमे Jain half आया था। बस मुझे तो मौका मिल गया ‘ मैंने भी अचानक कह दिया जो जैसा है वैसा ही आएगा ना। सभी हंस पड़े अब झेपने की बारी उसकी थी। फिर हम सभी 2021 में वापस मिले Phone के द्वारा ‘ अब हमारा एक Whatsapp Group है ‘ College Memories के नाम से। हम आपस में मिले नहीं 1982 के बाद से ।फिर भी सबसे बातें होती रहती है ‘ अपने College Time की। अपनी Family के बारे में। अब सभी के बच्चे शादी -शुदा है दादा – दादी, नाना – नानी बन चुके है। ‘ अपनी – अपनी Life में सभी मस्त है। हम सभी चाहते है की एक बार सभी रूबरू मिले ‘ देखें कब संभव हो पता है।
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