तुमने देखा है कभी
तुमने देखा है कभी
बेटी के जाने के बाद कोई घर ?
जैसे बिना चिड़िया की सुबह हो !
जैसे बिना तारो का आकाश !!
बोये जाते है बेटे !
उग आती है बेटियाँ !!
खाद -पानी बेटे में !
पर लहलहाती है बेटियाँ !!
रुलाते है बेटे और !
रोती है बेटियाँ !!
कई तरह से गिराते है बेटे !
पर संभाल लेती है बेटियाँ !!
बिटिया समुंद्र होती है !
उसे कुछ भी दो लौटा देगी !!
उसे याद करो न करो !
वह बार -बार आकर करती है सराबोर हमारे तटो को !!
अनगिनत रहस्य अपने में समेटे !
बिटिया होती है दो तिहाई भाग हमारे घर का !!

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- मेरा सुखमय संसार
Miss you mom 🤗
Outstanding. Very well described. 💕